कोरोना के उपचार के लिए आवश्यक टोसिली इंजेक्शन की कमी के कारण इन दिनों कोरोना के मरीजों को परेशान होना पड़ रहा है। बताया जा रहा है कि इस इंजेक्शन के लिए मरीजों को गुजरात के बाहर अन्य राज्यों तक भी दौड़ना पड़ रहा है। दवा की कमी के कारण 2 से 3 गुना कीमत देने पर भी यह दवाई जल्दी नहीं मिल पा रही है।
यह दवाई कोरोना के बीमारी में ज्यादा असरकारक साबित हुई है। इसलिए इसकी डिमांड इन दिनों बढ़ गई है। बताया जा रहा है कि इस इंजेक्शन का उपयोग करने से मरीज को रिकवरी थोड़ी जल्दी आती है। इस उम्मीद के कारण भी मरीज तो टोसिलीजुमाबइंजेक्शन के लिए दौड़ भाग कर रहे हैं।
शहर की निजी अस्पतालों में भी यह इंजेक्शन कम होने के कारण वहां से मरीजों को सिविल हॉस्पिटल भेज दिया जाता है लेकिन, सिविल हॉस्पिटल में भी यह दवाई उपलब्ध नहीं है। कुछ दिनों पहले तो इंजेक्शन राज्य सरकार की ओर से सिविल में १०० इंजेक्शन भेजे गए थे लेकिन अभी वह खत्म हो चुके हैं। टॉसिलिजूमाब नाम की इंजेक्शन की डिमांड बढ़ने के कारण राज्य सरकार ने 20000 इंजेक्शन खरीदने का फैसला किया है।
राज्य के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री नितिन पटेल ने मंगलवार को यह जानकारी दी थी उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस को नियंत्रण में करने के लिए राज्य सरकार हाई पावर कमिटी बुलाकर नए-नए आयोजन कर रही है। इसमें टॉसिलिजूमाबवइंजेक्शन खरीदने का भी निर्णय शामिल है। इंजेक्शन समाप्त हो जाने के कारण कई शहरों में से इसकी मांग आ रही है। राज्य सरकार की ओर से यह दवाई निशुल्क दी जाती है बाजार में कीमत ₹40000 है। इसके बावजूद मरीजों को आवश्यकतानुसार दिया जा रहा है
उल्लेखनीय है कि गुजरात में प्रतिदिन 100 से अधिक केस दर्ज हो रहे हैं। ऐसे में कोरोना के लिए आवश्यक रेमदेसीविर और इंजेक्शन की कमी के कारण मरीज के परिवार जनों को इधर उधर दौड़ना पड़ रहा है। सांसद सी आर पाटिल ने इस बारे में राज्य सरकार से गुहार लगाई है।