बच्चों में सुसंस्कारों के बीजारोपण एवं आध्यात्म के भाव प्रबल हो इस हेतु तेरापंथ युवक परिषद् ने किया ‘मंत्र दीक्षा संग वीतराग पथ’ कार्यशाला का आयोजन
पूरे देश में ज्ञानशाला के हजारों बच्चे प्रतिवर्ष एक ही दिन ग्रहण करते हैं मंत्र दीक्षाअखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद् के निर्देशन में तेरापंथ युवक परिषद्, सुरत ने मंत्र दीक्षा संग वीतराग पथ कार्यशाला का आयोजन किया।
आचार्य महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि उदित कुमार जी ठाणा 4 के सान्निध्य में कार्यक्रम के अंतर्गत कुल 120 बच्चों ने नमस्कार महामंत्र के सामूहिक संगान के साथ मंत्र दीक्षा ग्रहण की। मुनिश्री उदित कुमार जी ने अपने प्रभावी प्रवचन में मंत्र दीक्षा को महत्वपूर्ण उपक्रम बताते हुए ज्ञानशाला के बच्चों को देव,गुरु और धर्म के विषय में जानकारी दी।साथ ही अभातेयुप ने बच्चो में आध्यात्मिकता के भावो का जागरण हो उस उद्देश्य को ध्यान में रख कर वीतराग पथ कार्यशाला को साथ में जोड़ा।
परिषद् के अध्यक्ष अमित सेठिया ने बताया की हम मंत्र दीक्षा के माध्यम से अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद् की 354 शाखाएं पूरे देश मे प्रतिवर्ष समाज के छोटे छोटे बच्चों में जैन धर्म, तेरापंथ धर्म आदि आध्यात्मिक संस्कारो के सिंचन का कार्य करती है।इस वर्ष भी अभातेयुप राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री पंकज डागा के नेतृत्व में पूरे देश में कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
अभातेयुप महामंत्री पवन मांडोत ने बताया की बच्चों में सुसंस्कार एवं संघ व संघपति के प्रति प्रगाढ़ श्रद्धा जागृत होती रहे इस हेतु मंत्र दीक्षा का कार्यक्रम प्रति वर्ष आयोजित किया जाता है। परिषद् मंत्री अभिनंदन गादिया ने बताया वीतराग पथ कार्यशाला में ज्ञानशाला के बच्चो द्वारा प्रेरणादाई नाट्य प्रस्तुति की गई जिसमे बताया गया की आचार्य श्री महाश्रमण जी ने किससे प्रेरित होकर एवं कैसे वैराग्य भाव को पुष्ट करते हुए दीक्षा ग्रहण की। समाज के छोटे छोटे बच्चों में आध्यात्मिक विकास हेतु हमारी संस्था समय समय पर ऐसे कार्यक्रम करती रहती है। यह जानकारी परिषद मीडिया प्रभारी सिद्धार्थ ने दी।