कपड़ा व्यापारी की छ साल की बच्ची से रैप और हत्या, जांच शुरू

murder


बच्चियों के साथ बलात्कार की घटनाए रूकने का नाम नही ले रही। एटा के आवागढ़ में शुक्रवार की रात स्थानीय कपड़ा व्यवसायी की बेटी 6 साल की बच्ची का शव मिला. तीन डॉक्टरों के एक पैनल द्वारा किए गए पोस्टमार्टम से पता चला कि लड़की की मौत दम घुटने से हुई है। लड़की के माता-पिता ने भी किसी पर हत्या का आरोप नहीं लगाया है.

पुलिस इलाके के सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रहे हैं जहां से लड़की बाहर खेलते समय लापता हो गई थी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बच्ची के निजी अंगो पर चोट लगी होने की जानकारी सामने आ रही है। घटना के तुरंत बाद, आवागढ़ में लोगों ने विरोध किया और 45 मिनट से अधिक समय तक आगरा-एटा मार्ग पर यातायात रोक दिया. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों से मामले की जांच के लिए उन्हें दो दिन का समय देने का अनुरोध किया.

शाम को जिलाधिकारी अंकित कुमार अग्रवाल और एसएसपी उदय शंकर सिंह पीड़ित के घर पहुंचे और परिजनों को दोषियों के खिलाफ समय पर कार्रवाई का आश्वासन दिया. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक धनंजय सिंह कुशवाहा ने कहा, ‘पीड़िता के पिता से मिली शिकायत के आधार पर आईपीसी की धाराओं के तहत दुष्कर्म और हत्या की प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है. जांच में चार टीमें शामिल हैं. पुलिस ने स्थानीय क्षेत्र की सीसीटीवी कैमरे की मदद से जांच शुरू की है।

तीन कपड़ा व्यापारियों ने आत्महत्या की!!

गुजरात के सूरत में शनिवार को तीन व्यापारियों ने आत्महत्या कर ली। शराब की लत छोड़ने में असमर्थ, पाल का कपड़ा व्यापारी ट्रेन के सामने आ कर जान दे दी। दूसरी घटना में एक कामरेज कपड़ा व्यापारी सरथाना में अपनी दुकान में आर्थिक तंगी के कारण जान दे दी। दोनों व्यापारियों के पास से सुसाइड नोट मिले हैं। तीसरी घटना में पिता की मौत के बाद से तनाव में जी रहे कापोद्रा के व्यापारी ने जहरीली दवा पी ली।


मिली जानकारी के अनुसार पाल- भाठा ग्रीन सिटी निवासी 58 वर्षीय जयेश कुमार शाह शनिवार को सूरत स्टेशन पर ट्रेन के आगे कूद पड़े । गंभीर रूप से घायल जयेशभाई को सिविल रेफर कर दिया गया है। जहां कुछ देर इलाज के बाद उसकी मौत हो गई।उनके पास से एक सुसाइड नोट मिला है। जिसमें उसने शराब की लत नहीं छोड़ पाने के कारण आत्महत्या करने का जिक्र किया।


एक अन्य घटना में कामरेज के वावगाम चंद्रदर्शन रेजीडेंसी निवासी 38 वर्षीय भावेशभाई रणपारिया ने सरथाणा में कपड़े की दुकान के शनिवार दोपहर फाँसी लगा ली। भावेशभाई के पास से पुलिस को एक सुसाइड नोट मिला है। जिसमें उन्होंने आर्थिक तंगी में आत्महत्या करने वाले हावो का जिक्र किया। तीसरी घटना में कापोद्रा मधुवन सोसायटी में रहने वाले कपड़ा व्यापारी आशीषभाई मेहता (34) के पिता की 5 माह पहले कोरोना से मौत हो गई थी। जिससे वे तनाव में रहते थे। शुक्रवार को उनके घर पर जहरीली दवा पी से आत्महत्या का प्रयास किया उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

जॉबवर्क और ट्रान्सपोर्ट गोडाउन में फँसा माल मिलने लगा!!

सूरत
कपड़ा व्यापारियों के सगंठनो की पहल से लॉकडाउन के दौरान कपड़ा व्यापारियों का जॉबवर्कर्स के पास पड़ा कीमती माल  शुक्रवार से लौटना शुरू हो गया। लॉकडाउन के कारण व्यापारियों ने एम्ब्रायडरी, चरक, डायमंड, स्टोन सहित कई वर्क के लिए साड़ी, ड्रेस मटीरियल्स तथा लहंगे आदि जॉबवर्कर के पास फंस गए थे। 

पहले से परेशान है व्यापारी


कपडा मार्केट के सूत्रों के अनुसार देश में फैले कोरोना के कारण कपड़ा बाजार ठप्प हो गया है। एक ओर जहां व्यापार नहीं होने से व्यापारी परेशान हैं वहीं दूसरी ओर लॉकडाउन के कारण व्यापारियों ने एम्ब्रायडरी, चरक, डायमंड, स्टोन सहित कई वर्क के लिए साड़ी, ड्रेस मटीरियल्स तथा लहंगे आदि करो़ड़ो रुपए का माल जॉबवर्कर के पास फंस गए था। व्यापारी इससे चिंतित थे।

लॉकडाउन में स्लम क्षेत्रों में फँसे कपडों को लेकर चिंता

लॉकडाउन की लगातार बढने के कारण और परप्रांतिय श्रमिकों की घर वापसी से कपड़ा व्यापारियों को जॉबवर्कर्स व ट्रांसपोर्ट में फंसे माल की चिंता परेशान कर रही थी। साड़ी में डायमंड स्टोन आदि के लिए लिंबायत, वराछा, पांडेसरा की महिलाएं जॉबवर्क ले जाती थी, लेकिन इन दिनों वहाँ के लोग वतन जा रहे होने से व्यापारियों को को भय था कि उनका कपड़ा जॉबवर्क के लिए जिनके पास है वह कपड़े बेचकर भी जा सकते हैं।

संगठनों ने लगाई थी गुहार

इस बीच कपड़ा व्यापारियों के संगठन फैडरेशन ऑफ सूरत टैक्सटाइल ट्रेडर्स एसोसिएशन, व्यापार प्रगति संघ समेत अन्य ने जिला प्रशासन से जॉबवर्कर्स के यहां से तैयार व कच्चा माल लाने के लिए सशर्त गुहार लगाई गई, जिसे प्रशासन ने दो दिन के लिए कपड़ा बाजार के अलग-अलग टैक्सटाइल मार्केट में सीमित अवधि मंजूर की है ।

साढ़े तीन सौ से ज़्यादा व्यापारियों का माल मिला

बताया जा रहा है कि शुक्रवार को कपड़ा बाजार के साढे तीन सौ से ज्यादा व्यापारियों ने व्यापारिक संगठनों के लेटरहैड पर प्रशासन से माल वापसी के लिए लिखित मंजूरी ली और एक ही दिन में करोड़ों रुपए का माल सुरक्षित पहुंचा है।लग्नसरा सीजन के दौरान सैकड़ों-हजारों तैयार माल के पार्सल सूरत कपड़ा मंडी से देश की अन्य मंडियों में व्यापारियों के पास जाने के लिए ट्रांसपोर्ट के गोडाउन में फंस गया था।

व्यापारियों की मिली थोड़ी राहत
उल्लेखनीय है कि कपड़ा व्यापारी पहले से परेशान है छोटे और मध्यम वर्गीय व्यापारी पहले से परेशान है। लॉकडाउन के कारण उन्होने बेचे माल वापिस आने की आशंका है। उन्हें बेचे माल का पेमेन्ट कब  मिलेगा इसे लेकर भी चिता है। ऐसे में व्यापारियों का फंसा माल वापिस मिल जाने से थोडी चिंता घटी है।