लॉकडाउन के कारण जहां बड़े बड़े कोर्पोरेट की हालत ख़राब हो गई है वहीं दूसरी ओर दुनिया के सबसे अमीर मंदिरों में से एक तिरुमला तिरूपति देवस्थानम इन नक़दी की कमी का सामना कर रहा है। संभवत लॉकडाउन के कारण भक्तों की संख्या कम हो जाने से यह संकट आया है।
बताया जा रहा है कि ट्रस्ट के पास नक़दी की समस्या होने से वह स्टाफ़ की सैलरी, रोज़मर्रा के खर्च आदि कैसे करे इस पर भी चिंतित है। यदि लॉकडाउन आगे भी चला तो किस तरह से खर्च चलेगा इसकी चिंता हो रही है। मंदिर के ट्रस्ट का कहना है कि वह पहले से ही वेतन, पेंशन आदि पर ३०० करोड़ रूप्ए खर्च चुका है। लॉकडाउन में आवक बंद है लेकिन खर्च त जारी है। आगामी दिनों में खर्च से कैसे निपटा जाए प्रबंधन इस पर विचार कर रहा है। हालाँकि ट्रस्ट के पास फंड की कोई कमी नहीं है। आठ टन सोना रिज़र्व में है और १४००० करोड़ रूपए की फिक्सड डिपोजिट है। लेकिन ट्स्ट उसका उपयोग नही चाह रहा।
लॉकडाउन के दौरान भी सूरत हीराबूर्स में जारी है हीरो का आयत- निर्यात !
देशभर में कोरोना की महामारी के कारण लॉकडाउन होने से कई कार्यालय बंद है।ऐसे समय में भी सूरत हीराबूर्स में हीरों के आयात-निर्यात का काम बाकायदा जारी है। इससे हीरा उद्यमियों को बड़ी राहत मिली है।
मंदी से जूझ रहे सूरत के हीरा उद्यमियों को इससे हीरो का निर्यात करने में बड़ी सरलता हुई है। केन्द्र सरकार के निर्देश में आगामी दिनों में भी सूरत हीरा बूर्स में कामकाज यथावत रहेगा।अहमदाबाद कस्टम के प्रिंसिपल कमिश्नर कुमार संतोष ने बताया कि सूरत हीराबूर्स में कार्यरत कस्टम कार्यालय लॉकडाउन के दौरान भी चालू था ।आगामी दिनों में भी चालू रहेगा लॉकडाउन के दिनों में यहाँ पर हीरो के आयात- निर्यात सम्बंधित कामकाज हुए हैं।यदि उधमियों को आयात-निर्यात संबंधित कामकाज में किसी प्रकार की दिक़्क़त आती है तो वह डिप्टी कमिश्नर सूरत हीरा बूर्स या helpdesk.shbsurat@gmail.co संपर्क सकते हैं।