रूस और यूक्रेन के युद्ध के चलते अब भारत के उद्योगों को नई-नई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।भारत के हीरा उद्यमी बड़े पैमाने पर रूस से हीरा खरीदने हैं जो कि अंतरराष्ट्रीय फलक पर कई देशों को पसंद नहीं है। दरअसल कई देश यह चाहते हैं की रूस और यूक्रेन के खिलाफ अपना युद्ध बंद कर दे। इसलिए वह रूस की किसी भी तरह से आर्थिक मदद ना हो सके इस बात पर जोर दे रहे हैं।साथ ही प्रयास भी कर रहे हैं।इसी बीच एक जानकारी सामने आ रही है जो कि भारत के हीरा उद्योग के लिए बड़ी ही चिंताजनक है।
बात ऐसी है कि युक्रेन की भ्रष्टाचार निवारण संगठन ने भारत की श्री रामकृष्ण एक्सपोर्ट नाम की एक हीरा कंपनी को अंतर्राष्ट्रीय युद्ध स्पॉन्सर की लिस्ट में डाल दिया है।यह जानकारी एक न्यूज़ एजेंसी ने साझा की है। न्यूज़ एजेंसी में बताए गए अनुसार मुंबई की श्री रामकृष्ण एक्सपोर्ट ने वर्ष 2021 में रूस से 59 मिलियन डॉलर के रफ हीरे खरीदे थे जबकि 2023 में इससे लगभग तीन गुना 132 मिलियन डॉलर के रफ हीरो की खरीदी करी जिसके चलते श्री रामकृष्ण एक्सपोर्ट को इस सूची में डाला गया है।
आपको बता दें कि अमेरिका सहित g7 के कई देश रसिया से उत्पादित रफ हीरे खरीदने के पक्ष में नहीं है उन्होंने इस बारे में कई बार नियंत्रण भी लगाया है।कुछ दिनों पहले ही g7 देशों ने रूस के हीरे नहीं खरीदने का निर्णय लिया था। उन्होंने इस बारे में भारत को भी अपने पक्ष में लेना चाहा था लेकिन भारत ने उनकी बात नहीं मानी।भारत में लाखों लोग हीरा उद्योग पर आधारित है। इस बारे में श्री रामकृष्ण एक्सपोर्ट का कहना है कि यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध को लेकर गलत ढंग से भारत के बिजनेस को बदनाम किया जा रहा है।इस तरह के प्रयास से भारत के व्यापार और भारत के लोगों की रोजगारी को भी बुरा असर पड़ेगा इस तरह का प्रयास कंपनी को बदनाम करने की साजिश है।