एक ओर जहां कोरोना के कारण पूर देश में हाहाकार मचा है। वहीं अब उत्तरप्रदेश के फ़तेहपुर ज़िले में स्थित बिंदकी क्षेत्र मे किसी अजीब बिमारी के कारण छ लोगों की मौत की जानकारी सामने आ रही है। अभी तक बिमारी का नाम पता नहीं चल पाया है। राज्य सरकार भी इस अजीब बिमारी के चलते असमंजस में है।
मौत की संख्या बढ़ते देख ज़िला प्रशासन हरकत में आ गया है। वहाँ के कलक्टर के नेतृत्व में बिंदकी गाँव में स्वास्थ्य विभाग की एक टीम गाँव में पहुँच गई है। टीम ने बिमार लोगों के लक्षणों की जाँच शुरू कर दी है और सब की कोरोना की जाँच करवाई।
बिंदकी स्थित जहानाबाद विधानसभा क्षेत्र के नोनारा और टकोला ग्रामसभा क्षेत्र में बीते कई दिनों से अजीब बीमारी फैल रही है। इस बीमारी के कारण गाँव में भय का माहौल बन गया है। अब तक छह लोगों की मौत हो चुकी है। कई लोगों का कानपुर की हास्पिटल में उपचार चल रहा है। कई लोगों का उपचार चल रहा है।
बिमारी के भय के कारण कई लोग पलायन चुके हैं। गाँव के लोगों का कहना है कि पता नहीं कौन सी बीमारी से सब पीड़ित हैं। स्वास्थ्य विभाग का काम ख़ाली काग़ज़ पर चल रहा है। घटना की जानकारी पाने के बाद वहाँ के कलेक्टर बिंदकी आशिष यादव ने स्वास्थ्य विभाग की टीम को भेज दिया है।
फ़िलहाल टीम ने सभी बीमारों की जाँच करना शुरू कर दी है। स्वास्थ्य विभाग की टीम मरीज़ों के अंदर जो लक्षण है उसकी भी जाँच की जा रही है। गाँव के सभी लोगों की कोरोना जाँच करवाई गई।
कोरोना मरीजों को स्मार्ट फ़ोन और टैब्लेट इस्तेमाल की छूट दी जाए
केंद्र सरकार ने तमाम राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखकर कहा है कि कोरोनावायरस के मरीज़ों को जो कि हॉस्पिटल में दाखिल हो उन्हें स्मार्टफोन और टेबलेट आदि का उपयोग करने की छूट देनी चाहिए।
इससे वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करके अपने परिवार और अपने मित्रों के साथ बात कर सकेंगे और मानसिक रूप से उनको मदद मिलेगी। आरोग्य मंत्रालय में आरोग्य सेवा नियामक के डायरेक्टर राजीव गर्ग ने सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखा है।
जिसमें कहा है कि मरीज और उनके परिवारों के बीच अनुकूल संपर्क बना रहे इसलिए समय तय कर देना चाहिए। और जंतु नाशक मोबाइल की व्यवस्था करनी चाहिए। 29 जुलाई को जारी किए गए परिपत्र में बताया गया है कि सामाजिक संबंध मरीजों को मानसिक शांति दे सकते हैं।
इससे उनके इलाज में डॉक्टर को भी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि मरीजों को मोबाइल टेबलेट आदि का उपयोग करने की छूट देनी चाहिए। कई राज्यों में से शिकायत आ रही है कि हॉस्पिटल प्रशासन मरीजों को मोबाइल टेबलेट आदि की छूट नहीं दे रहा है। उल्लेखनीय है कि शहर और कई जगह पर लगातार कोरोनावायरस एबर्ट रहा है ऐसे में बुजुर्गों को हॉस्पिटल में दाखिल करने के बाद जब वह परिजनों से बात नहीं कर पाते तब उनकी समस्या और बढ़ जाती है।
वह और व्याकुल हो जाते हैं कि उन्हें क्या हो गया है? इसके कारण उनके उपचार में भी तकलीफ आती है मोबाइल और टेबलेट आदि की छूट मिलने से डॉक्टर को उपचार में सरलता रहेगी।
(प्रतिकात्मक फ़ोटो)