सूरत में कोरोना के कारण ३४ साल के डॉक्टर की मौत हो गई। उन्हें इसके पहले कोई बिमारी नहीं थी। ३४ साल के डॉक्टर की मौत के बाद उनके घर, अस्पताल सहित समग्र क्षेत्र में मातम छा गया है।
मिली जानकारी के अनुसार विनस होस्पिटल में काम करने वाले डॉ हितैश लाठिया विनस होस्पिटल में आरएमओ के तौर पर कार्यरत थे। सूरत में हितेशभाई अपने माता, पिता, पत्नी और बच्चों के साथ रहते थे। उन्होंने एक महीने तक कोरोना वॉर्ड में काम किया था।
इसके बाद उनकी ड्यूटी बदल दी गई थी। उन्हें २० दिन पहले बुख़ार आया तब होम क्वारंटाइन करने दिया गया था। इसके बाद बुख़ार और श्वास की तकलीफ़ बढ़ने के कारण उन्हें विनस होस्पिटल में ही दाखिल किया गया। चार दिन तक वेन्टिलेटर और पाँच दिन एडवांस इसीएमओ मशीन पर रखा गया था। उनकी तबियत नहीं सुधरी और कल वह ब्रेन डेड हो गए। बुधवार को उन्होंने अंतिम साँस ली।
चीफ़ होस्पिटल एडमिनिस्ट्रेटर डॉ. नीरज पटेल ने बताया कि डॉ हितेश की मौत के कारण पूरा होस्पिटल दुखी है। नर्स, वॉर्ड,आया सहित सभी पचास लोगों का स्टाफ़ स्तब्ध है। स्टाफ़ ने डॉ हितेश के मृतदेह को तिरंगे में लिपेट कर एक शहीद की तरह उनके मृतदेह को विदा किया।
डॉ हितेश ने अपने फ़ेसबुक के डीपी पर लिखा था कि मैं डॉक्टर हुं इसलिए घर पर नहीं रहूँगा।
70 साल के बुजुर्ग ने कोरोना को मात दी
कोरोना से 70 साल के कई बिमारी से पीडित बुजुर्ग ठीक हुए
जहां कोरोना के कारण एक और शहर में रोज 10 से अधिक लोगों की मौत हो रही है और शहर सहित देशभर में कोहराम मचा रखा है। वही सूरत के सिविल हॉस्पिटल में डॉक्टर ने 70 वर्षीय वृद्ध जो कि पहले से ही कई बीमारियों से पीड़ित थे उनको ठीक कर दिया।
मिली जानकारी के अनुसार खीमजी भाई सोनागर को सर्दी, खांसी और बुखार की समस्या के कारण सिविल हॉस्पिटल में दाखिल किया गया था। इस समय उनके शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा सिर्फ 70% थी। इसके अलावा प्रोटेस्ट, हाइपरटेंशन इंफेक्शन आदि कई समस्याएं भी। सिविल हॉस्पिटल के डॉक्टर ने उनका उपचार शुरू किया 8 दिन उपचार के दौरान उन्हें कोरोना में इस्तेमाल की जाने वाली टॉसिलिजूमैब इंजेक्शन भी दी गई।
इसके बाद खीमजी भाई की तबीयत अच्छी होने लगी और वह कुछ दिनों में ही स्वस्थ हो गए। फिलहाल खीमजी भाई को सिविल अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है। खीमजी भाई ने सिविल हॉस्पिटल के डॉक्टर संदीप और एंड स्टा का आभार व्यक्त किया है।
वहीं अन्य एक घटना में ठाकरशी भाई आंबलिया नाम के 50 वर्षीय कोरोनावायरस संक्रमित को कुछ दिनों तक सिविल में उपचार दिया गया और वह ठीक हो गए। उन्होंने बताया कि उन्हें सांस लेने में तकलीफ थी। सिविल हॉस्पिटल में जांच के दौरान डॉ संदीप भाई की सलाह के अनुसार उन्होंने सिविल में उपचार करवाना उचित समझा।दो दिनों के बाद उनकी तबीयत और बिगड़ गई। तब उन्हें आईसीयू में दाखिल किया गया।
डॉ संदीप भाई और स्टाफ ने उनका पूरा ख्याल रखा। 9 दिन आइसीयु में रहने के बाद उन्हें वॉर्ड में ले जाया गया। जहां 7-8 दिन के तक उन्हें ऑक्सीजन दिया गया। आखिर डॉक्टर की मेहनत के बाद वह ठीक हो गए