जल्द उपलब्ध हो सकती है कोरोना की दवा:WHO

कोरोना के कारण दुनिया के तमाम देश परेशान है। अब तक कोरोना के कारण लाखो लोग परेशान हो चुके हैं। एैसे मे कोरोना वायरस के चलते परेशान दुनिया को डब्ल्यूएचओ ने एक बड़ी खुशखबरी दी है।

डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि दुनिया के समक्ष जल्दी ही कोरोना वायरस की वैक्सीन आ सकती है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार astra zeneca नाम की फार्मा कंपनी ने करुणा की वायरस की वैक्सिन chAdox1 तैयार की है। इसका परीक्षण इंसानों पर अंतिम स्टेज में है।

डब्ल्यूएचओ के मुख्य वैज्ञानिक डॉक्टर सौम्या स्वामीनाथन ने बताया कि इस रसिका परीक्षण इंसानों पर किया जा रहा है। इसका ट्रायल ब्रिटेन। दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील में चल रहा है। अभी तक 10260 लोगों पर इसका परीक्षण किया गया है।

इस वैक्सीन को ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के जेनेर इंस्टीट्यूट ने बनाया है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार एक फार्मा कंपनी भी तेज़ी से काम कर रही है लेकिन अभी astra zeneca पर अधिक विश्वास है।


मीडिया सूत्रों के अनुसार astra zeneca कंपनी ने कहा कि कोरोना वायरस की वैक्सिन इस साल के अंत तक बाजार में उपलब्ध होगी। इस साल के अंत में 40 करोड़ डिलीवरी का डोज़ यूरोप में मिल जाएगा।

कंपनी ने कहा कि दुनिया भर के तमाम देशों में 2 करोड़ से अधिक वैक्सीन उपलब्ध की जाएंगी। यह वैक्सीन 2021 के अंत तक मिल जाएगी ।

डब्ल्यूएचओ डायरेक्टर ने बताया कि कोरोना वायरस को नियंत्रित करने के लिए दवा की जरूरत है। दवा बहुत जल्दी और बहुत अधिक में मिलनी चाहिए। साथ ही सभी जरूरतमंद लोगों को यह व्यक्ति मिलनी चाहिए।


भारत में लॉकडाउन हटने के बाद से तेज़ी से कोरोना संक्रमित और मृतकों की संख्या बढ रही है। भारत में भी कई कंपनियों में कोरोना की दवा बना लेने का दावा किया है।

हाइड्रोक्सिक्लोरोक्विन दवा को लेकर डबल्यूएचओ और भारत आमने सामने!!


सूरत
कोरोना के रोग में उपयोग में ली जाने वाली दवा हाइड्रोक्सिक्लोरोक्विन को लेकर भारत और वर्ल्ड हेल्थ ओर्गेनाइजेशन आमने-सामने हैं। वर्ल्ड हेल्थ ओर्गेनाइजेशनने 
हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का कोविड-19 के मरीजों पर क्लीनिकल ट्रायल सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए अस्थायी तौर पर रोकने का फैसला किया है। 


मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया था कि यह दवाई कोरोना के ईलाज में मरीजो के लिए सुरक्षित नही है। इसलिए इस पर रोक लगाया गया है।


बताया जा रहा है कि वर्ल्ड हेल्थ ओर्गेनाइजेशन की ओर से कोरोना के लिए जिन दवाओ पर ट्रायल चल रहा है उनमें से सिर्फ भारत की हाइड्रोक्लोरोक्विन पर प्रतिबंध लगाया गया है।
मी़डिया रिपोर्ट के अनुसार वर्ल्ड हेल्थ ओर्गेनाइजेशन के इस फैसले के खिलाफ भारत ने उसके सभी सूचना को मानने से इनकार किया है। अभी तक वर्ल्ड हेल्थ ओर्गेनाइजेशन पर कोरोना की बिमारी और प्रसरण में कई प्रकार के आरोप लग चुके हैं। भारत मे कोरोना के मरीजो को हाइड्रोक्लोरोक्विन दवा दी जा रही है। इसके अलावा भारत से कई देशों ने भी हाइड्रोक्लोरोक्विन दवा मंगाई है।

भारत से बड़े पैमाने पर इन देशो को यह दवा भेजी जा रही है। वर्ल्ड हेल्थ ओर्गेनाइजेशन ने भारत की दवा के ट्रायल पर रोक लगाने के निर्णय को लेकर सोशल मीडिया पर वर्ल्ड हेल्थ ओर्गेनाइजेशन के खिलाफ कई तरह की बातें चल रही है।

स्टेशन पर खड़ी थी लड़की, मदद करने के बजाय तीन लोगों ने….
पुणा क्षेत्र से गायब लड़की को अपहरणकर्ताओं से छुड़ाने के बाद पुलिस ने आप बड़ी तेजी से मामले की जांच शुरू की है। पुलिस को इस मामले में तीन लोगों की खोज कर रही है। जिसमें की सुमैया जाकिर और अयूब इन तीनों को ही पुलिस कई जगह पर छापेमारी कर ढूंढ रही है। अंकलेश्वर से अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छूटने के बाद किशोरी ने जो कुछ बताया वह सब के रोंगटे खड़े कर देने के लिए काफी है।


युवती ने बताया कि तीन महीने पहले अपने माता पिता से किसी बात पर झगड़ा होने के कारण वह मुंबई अपने बुआ के यहां चली गई थी। बुआ के यहां से युवती अपने प्रेमी से मिलने पहुंचे प्रेमी ने उसे समझा कर फिर से सूरत आने के लिए कहा और टिकट के पैसे भी दिए। वह सूरत के लिए ट्रेन में बैठी तो सही लेकिन गलती से भरूच पहुंच गई। भरूच पहुंचने के बाद वह समझ नहीं पा रही थी कि क्या करें ?

इस दौरान उसकी अकेलेपन का लाभ उठाकर सुमैया नाम की एक औरत उसके पास गई और मीठी मीठी बातें कर उसकी मदद करने के बहाने अपने घर ले गई। वहां सोमैया ने उसको जाकिर और अयूब के हवाले कर दिया। दोनो ने बारी बारी से उसके साथ दुष्कर्म किया। किशोरी बार-बार उन दोनों से गुहार लगाते रही कि उसे अपने माता-पिता के पास जाना है। लेकिन दोनों ने ही उसकी इज्जत को तार-तार कर दिया। बाद में उसे अंकलेश्वर ले जा कर देह विक्रय में बेच दिया। 2 महीने से वह बार-बार लोगों के हवस का शिकार बन रहे थे। इस दौरान उसे मौका मिलने पर उसने किसी महिला के फोन पर अपने माता-पिता को फोन कर सारी जानकारी दी। तब मामला सामने आने के बाद पुलिस ने इस लड़की को अपहरणकर्ताओं से छुड़वाया।

कोरोना का सच अब होगा उजागर! 62 देश जुटे जाँच में!

डेस्क
कोरोना को लेकर दुनिया के सभी देश एकजुट होने लगे हैं।सभी देशों ने कोरोना का उद्भवकहां से हुआ यह जानने की लिए आवाज उठाना शुरू कर दी है।दुनिया के कई देश इस बारे में सक्रिय हो गए हैं।दुनियाभर में लाखो लोगों की जान ले चुके कोरोना की सच्चाई से पर्दा उठाने और इसकी पूरी सच्चाई जानने के लिए दुनिया के कई देशों ने गुट बनाया है। देशों ने यह प्रस्ताव रखा है गया है कि WHO महामारी को लेकर सही जानकारी दे रहा या नहीं इसकी जांच की जाए।


भारत के अलावा मैक्सिको, ब्राजील, जापान, यूनाइटेड किंगडम, कनाडा, न्यूजीलैंड, दक्षिण कोरिया, तुर्की, रूस, इंडोनेशिया, और सभी 27 यूरोपीय संघ के सदस्यों द्वारा इसे समर्थन दिया गया है।

सोमवार को वर्ल्ड हेल्थ असेंबली में यूरोपियन यूनियन की ओर से यह प्रस्ताव पेश किया जाएगा।इसमें डब्ल्यूएचओ के नेतृत्व में इंटरनेशनल हेल्थ की जांच की बात रखी जाएगी बताया जा रहा है कि इस प्रस्ताव पर अमेरिका और चीन को कोई विरोध नहीं है।


आपको बता दें कि कोरोना के कारण दुनिया में अब तक लाखों लोगों की जान जा चुकी है और लाखों लोगों को को रोना का संक्रमण लग चुका है।दुनिया में कई देशों में लोग गांव के कारण कई देशों की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है।

कोरोना पॉज़िटिव मरीज ग़ायब हो गया
जहां एक ओर कोरोना को लेकर प्रशासन चिंतित है, वहीं दूसरी ओर कई लोगों की रोग को लेकर लापरवाही सब के लिए सिरदर्द का कारण बन गई है
शहर के कमेला दरवाजा के क्षेत्र में हनुमान मंदिर में बाहर से आए साधु का कोरोना रिपोर्ट पॉज़िटिव आया है, लेकिन रिपोर्ट आने के पहले वह शहर छोड़ चुके थे।यह जानकारी प्रशासन को मिलने के बाद प्रशासन के हाथ पाँव फूल गए है। स्वास्थ्य विभाग और पुलिस ने उन्हें ढूढ्ने का प्रयास शुरू कर दिया है।


शेषमणिलाल मणिप्रसाद द्विवेदी (40 वर्ष मूल रूप से बुरहट्टा, जिला सतना, मध्य प्रदेश के हैं) पिछले कुछ दिनों में शहर के न्यू कमेला दरवाज़ा क्षेत्र में हनुमान मंदिर में आए थे। उन्हें सर्दी, खांसी की तकलीफ़ होने के कारण सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। गत 12 मई पर मेडिकल टेस्ट किया गया। टा। 13 मई को साधु शेषमणिलाल की रिपोर्ट सकारात्मक आई। वायरस के प्रसार को रोकने के लिए, मनपा के स्वास्थ्य विभाग की एक टीम साधु शेषमणिलाल को लेने के लिए तुरंत हनुमान मंदिर के लिए रवाना हुई। लेकिन भिक्षु वहां नहीं मिले।

स्वास्थ्य टीम ने मंदिर के महाराज महेंद्रसिंह राजपूत से पूछताछ की और पता चला कि जिस शाम उन्होंने ब्लड सैंपल दिया था, उसी दिन भिक्षु ने मंदिर को कहीं जाने के लिए छोड़ दिया था, जैसा कि कहा जाता है। जिसके बाद, स्वास्थ्य विभाग की टीम ने तुरंत निगम के उच्च अधिकारियों को इस बारे में सूचित किया और उसके बाद आज पुणे पुलिस स्टेशन में साधु शीशमीलाल के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई

कोरोना को लेकर WHO ने किया बड़ा खुलासा, बढ़ी चिंता


डेस्क
कोरोना को लेकर वर्ल्ड हेल्थ ओर्गेनाइजेशन की रिपोर्ट में दुनिया की चिंता बढ़ा दी है। रिपोर्ट मे कोरोना शायद कभी समाप्त नहीं हो ऐसा बताया गया है।विश्व स्वास्थ्य संगठन के कार्यकारी निदेशक डॉ माइकल जे रिया ने संभावना जताई है कि दुनिया में कोरोना वायरस कभी खत्म नहीं होगा। उन्होंने कहा कि यह बीमारी शायद हमारे बीच ही रहेगी।
कोरोना वायरस ने दुनिया के लगभग सभी देशो मे बड़ी संख्या मे लोगों को को संक्रमित किया है कई लोगों की जान जा चुकी है। अभी भी संक्रमण बढ़ता जा कहा हैऔर इस घातक वायरस का कोई इलाज या टीका अभी तक नहीं मिला है।

दुनिया में बड़ी संख्या में लोग कोरोना से पीड़ित है कई लोग कोरोना से मारे जा चुके है। दुनिया के आधे से अधिक देश वर्तमान में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन मे हैं, और लाखों लोग अपने घरों में रहने के लिए मजबूर हो गए हैं।

ऐसे समय में जब दुनिया भर के वैज्ञानिक कोरोना के लिए एक वैक्सीन खोजने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं।कुछ देशों को इस दिशा में सफलता मिलने की उम्मीद है।

उन्होंने आगे कहा कि चूंकि कोरोना मामलों की संख्या अभी भी बढ़ रही है, इसलिए वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लगाए गए प्रतिबंधों को हटाना उचित नहीं है। यदि इन प्रतिबंधों को हटा दिया जाता है, तो लॉकडाउन को और विस्तारित किए जाने की संभावना है क्योंकि बड़ी संख्या में वायरस फैल जाएंगे।

ब्रिटिश प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन के अनुसार, कोरोना वायरस के टीकाकरण में एक और साल लग सकता है। उन्होंने कहा कि वायरस को मिटाने के लिए वैक्सीन बनाना बहुत जरूरी है और इसके लिए हमें मिलकर काम करने की जरूरत है। हालांकि, उन्होंने टीका कब तक बनेगी यह बता पाने से इंकार किया।


उल्लेखनीय है कि दुनिया में कोरोना की महामारी के चलते लाखो लोग संक्रमित है और कइ लोगों की जान जा चुकी है। ऐसे में यदि कोरोना से बचने वाली टीका या दवा की खोज हो जाती है तो बड़ी राहत होगी। अब तक कई देशों ने कोरना की दवा के नज़दीक पहुँचने का दावा किया है।