जहां एक और दुनिया के विकसित देश कोरोना का सामना करने में अपने आप को असमर्थ पा रहे हैं।वहीं दुनिया के इस गरीब देश ने कोरोना को मात दे दी है।जी हां आप सही पढ़ रहे हैं।तंजानिया के राष्ट्रपति जॉन मागोफुली ने तंजानिया को कोरोना मुक्त घोषित किया है। अब तक दुनिया के नौ देश कोरोना मुक्त होने का दावा कर चुके हैं
उन्होंने इसके लिए भगवान का शुक्रिया अदा किया है। देशवासियों से अभी भी एहतियात बरतने की अपील की है। राष्ट्रपति जॉन मागोफुली ने इसके लिए स्वास्थ्य अधिकारियों और फ्रंटलाइन हेल्थ केयर वर्कर को भी श्रेय दिया।
इस अवसर पर उन्होंने एक सेलिब्रेशन भी किया। राष्ट्रपति ने कहा कि देश अब मस्त से मुक्त हो चुका है।महामारी के खतरे से बाहर आ चुके हैं। दूसरी ओर एक सच्चाई है भी है कि वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के अधिकारियों ने यह बताया है कि तंजानिया ने बीते 29 अप्रैल से कोरोना के बारे में कोई जानकारी साझा नहीं की है।
तंजानिया में सोशल डिस्टेंस के उल्लंघन और धार्मिक स्थल खुला रखने पर भी डब्ल्यूएचओ ने आपत्ति व्यक्त की थी। शुरुआती दौर में तांजानिया में 509 पॉजिटिव केस में से 21 के मौत होने की जानकारी ही अभी तक डब्ल्यूएचओ के पास है।
नौ देशों के नाम
-न्यूज़ीलैंड, तांजानिया, वैटिकन सिटी, फिजी, मोन्टेग्रो,सेन्ट किट्स एंड नेविस, तिमोर लेस्टे , पापुआ न्यू गुनिया, सेशेल्स
भारत बनाएगा 100 करोड़ कोरोना वैक्सीन
कोरोना को लेकर दुनिया के कई देश दवा बनाने का दावा कर रहे हैं। इस बीच भारत में बड़ी अच्छी खबर सामने आई है। भारत में कोरोना की वैक्सीन को लेकर उत्पादन और आपूर्ति की तैयारियां शुरू हो चुकी है।
पुणे की सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया की लैब में कोरोना वायरस की वैक्सिन का उत्पादन और आपूर्ति की तैयारी की जा रही है। ब्रिटिश स्वीडिश फार्मा कंपनी एस्ट्रेजनेका ने यह घोषणा की है कि उसने वैक्सीन के सप्लाई के लिए भारत से हाथ मिलाया है और एसआईआई के साथ लाइसेंस के लिए करार करने वाली है।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने कोरोना की अपनी संभावित वैक्सीन की सप्लाई का जिम्मा भी एस्ट्रेजनेका कंपनी को दिया है। एस्ट्रेजनेका और एसआईआई मिलकर 100 करोड़ की तादाद में व्यक्ति बनाने की तैयारी कर रहे हैं। उनमें 40 करोड़ वैक्सीन दिसंबर तक आपूर्ति करने का लक्ष्य रखा गया है।
बताया जा रहा है कि पुणे में बनने वाली कोरोना वायरस भारत सहित जिन देशों की आय कम है वहां पर सप्लाई की जाएगी। दुनिया में कई देश कोरोना की दवा बनाने का दावा कर रहे हैं अमेरिका चीन ब्रिटेन जर्मनी कहीं देश इसमे में शामिल है