कपडा निर्यातकों के लिए चुनौती भरी डगर! अरबों के ऑर्डर रद्द हुए

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सूरत
कोरोना के कारण जहां सूरत का स्थानीय व्यापार चौपट हुआ, वहीं विदेश से भी अरबों रूपए के ऑर्डर चौपट हो गए। कोरोना के बाद भी सूरत के कपड़ा निर्यातकों के लिए राहत नहीं है क्योंकि कोरोना के कारण खाड़ी के देश तथा अमरीका और यूरोप के सहित दुनिया के तमाम देश बुरी तरह से प्रभावित है। दुनिया में जहां जहां भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, सहित एशिया के लोग रहते हैं वहाँ वहाँ कम या ज़्यादा मात्रा में सूरत के कपड़ों की डिमांड रहती है इन दिनों वह ठप्प है।

अमरीका और यूरोप की बात करें तो वहाँ हालात बदतर
अमेरिका में अब तक कोरोनाके कारण 50000 के क़रीब लोगों की जान जा चुकी है वही यूरोप के देशों में भी कोरोना ने कोहराम मचा रखा है अमरीका यूरोप में बड़ी संख्या में लोग बेरोजगार हो गए हैं। कई शहरों में लॉकडाउन होने से वहाँ परिस्थिति वहां भी लचर हो गई है ऐसे में वहां का बाजार भी व्यापार के लिए कच्चा हो गया है व्यापारियों का कहना है कि पहले लोग अपनी आवश्यक वस्तुएं खरीदेंगे उसके बाद कपड़े पर ध्यान देंगे ।

अन्य देशों से भी समस्या
गल्फ देशों में जहां कि भारत के कपड़ों की मांग रहती है । वहाँ भी ज़्यादातर देशों में लंबे समय के लॉकडाउन के कारण वहाँ के कई देशों का व्यापाार प्रभावित होता दिख रहा है। कई व्यापारियों ने तो ऑर्डर भी रदद करवा दिए ।

निर्यातकों क लिए स्थानीय स्तर पर बड़ी चुनौती
दूसरी ओर कपड़ा उद्यमियों की हालत भी ज्यादा अच्छी नहीं है क्योंकि लोगों के कारण कपड़ा उद्योग 1 महीने से अधिक समय से बंद है दूसरी ओर जिन्होंने बैंक से बड़े रकम का लोन ले रखा है उसका ही हफ्ता तो भरना ही पड़ेगा साथ ही प्याज भी चल रहा है श्रमिकों का वेतन भी चुका रहे हैं दूसरी ओर आमदनी कुछ भी नहीं है इस कारण कपड़ा उद्यमी अपने आप को लाचार पा रहे हैं।

सरकार पर टिकी नज़र

कपड़ा निर्यातकों का कहना है कि सरकार हमसे हर प्रकार का उम्मीद रखी है ।लेकिन कोरोना के कारण जब व्यापार मुश्किल में फंसा है तब सरकार को आगे आना चाहिए और निर्यात को के लिए कोई पूछता है कि योजना बनानी चाहिए ।बिना ब्याज के लोन मिल सके ऐसी योजना लानी चाहिए जिनकी लोन चल रही है उनका ब्याज माफ कर देना चाहिए ।फिलहाल जो ईएमआई है वह कुछ दिनों के लिए स्थगित कर देना चाहिए।

ऑर्डर हुए रद्द, बढ़ी समस्या
कपड़ा निर्यातक विरल भाई ने बताया कि कोरोना दुनिया में सभी देशों में फैला है। कोरोना के कारण कई देशों में इन दिनों लॉकडाउन होने से सब कुछ बंद है। इसलिए वहाँ के व्यापारियों ने जो ऑर्डर दिए थे, वह रद्द कर दिए है। जहां जहां एशिया के लोग रहते हैं वहाँ भारत के कपड़ों की डिमांड रहती है, लेकिन बीते दिनों बड़े पैमाने पर ऑर्डर रद्द हो गए। आगे भी परिस्थिति को लेकर चिंता है।

कैट और फोस्टा ने लगाई है गुहार
फैडरेशन ऑफ सूरत टैक्सटाइल ट्रेडर्स एसोसिएशन के महामंत्री चंपालाल बोथरा ने बताया कि हमने कॉन्फिडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स एसोसिएशन के साथ मिलकर गुहार लगाई है कि व्यापारी या कपड़ा निर्यातक किसी को भी जब तक व्यापार बंद है तब तक बैंक ब्याज नहीं लिया जाए। इसके अलावा अन्य चार्ज या पैनल्टी नहीं ली जाए।
फोस्टा ने लॉकडाउन के दौरान डेमरेज नही वसूलने की माँग की है। साथ ही लॉकडाउन के दौरान यदि व्यापारी को बैंक लोन का हप्ता या ब्याज के सिलसिले में बैंक से शिकायत हो तो वित्तमंत्री को शिकायत करें।

अन्य संस्थाओं ने भी लगाई गुहार
देशभर की अलग अलग व्यापारिक संस्था और चैम्बर ऑफ कॉमर्स ने निर्यातकों को हो रही समस्या को बताते हुए निर्यातकों के लिए प्रोत्साहक योजना बनाने की माँग की है।