एक और लॉकडाउन के कारण पहले से ही कपड़ा उद्योग की हालत लचर हो गई है। ऐसे में प्रशासन को ओर से अलग-अलग प्रकार के टैक्स माफकर उद्योगों की मदद करनी चाहिए लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है।
अभी तक सूरत के विवर्स ने कपड़ा उद्यमियों से लाखों रुपए के तौर पर वसूले जाने वाला फीडर चार्ज कपड़ा उद्योग के विकास को रोक देगा इसलिए कपड़ा राज्य सरकार से एचटी कनेक्शन धारकों से फीडर कोस्ट नहीं लेने की गुहार लगाई है।
कपड़ा उद्यमी मयूर गोलवाला ने बताया कि कई कपड़ा उद्यमी जोकि अपने उद्योग का विकास करना चाहते हैं। नई मशीनें लगाना चाहते हैं। नए प्रोजेक्ट शुरू करना चाहते हैं। वह बिजली कंपनी के तगड़े फ़ीडर कोस्ट के कारण पीछे आ जा रहे हैं।
सरकार खुद चाहती है कि व्यापार उद्योग का विकास हो लोगों के बाद व्यापार उद्योग तेजी से चले लेकिन, बिजली कंपनी के वर्तमान नियमों के कारण ऐसा नहीं हो पा रहा है। गोलवाला ने बताया कि एचटी कनेक्शन के लिए अर्जी करने पर तमाम फीडर की केपेसिटी ओवरलोड आता है।
इसलिए लाखों रुपए के अधिक फीडर कोस्ट जोकि बिजली कंपनी कोटेशन से 4 गुना ज्यादा होता है वह उद्यमियों को भरना पड़ता है। इतनी तगड़ी उद्यमियों के बस की बात नहीं है। एक तो पहले से ही परेशान है। ऐसे में फ़ीडर कोस्ट ने उनकी समस्या बढ़ा दी है।
कई लोगों के पास नई मशीन होने के बाद भी बिजली कनेक्शन नहीं मिलने से अभी उत्पादन नहीं शुरू किया है। ऐसे में राज्य सरकार से ऊर्जा मंत्री सौरभ पटेल और मुख्यमंत्री विजय रुपाणी से एचटी कनेक्शन धारकों से फीडर कॉस्ट नहीं लिया जाए ऐसी मांग की वीवर्स ने की है।
इसके अलावा गोल वाला ने बताया कि लॉकडाउन डाउन के दौरान कई उद्यमी केपेसिटीर बंद करना भूल गए थे उसके अवेज में भी बड़ी रकम का बिल बिजली कंपनी ने पकड़ आया है। वह भी माफ करना चाहिए। नहीं तो कपड़ा उद्यमी आगामी दिनों में विरोध करेंगे।