सूरत
कपड़ा व्यापारियों के सगंठनो की पहल से लॉकडाउन के दौरान कपड़ा व्यापारियों का जॉबवर्कर्स के पास पड़ा कीमती माल शुक्रवार से लौटना शुरू हो गया। लॉकडाउन के कारण व्यापारियों ने एम्ब्रायडरी, चरक, डायमंड, स्टोन सहित कई वर्क के लिए साड़ी, ड्रेस मटीरियल्स तथा लहंगे आदि जॉबवर्कर के पास फंस गए थे।
पहले से परेशान है व्यापारी
कपडा मार्केट के सूत्रों के अनुसार देश में फैले कोरोना के कारण कपड़ा बाजार ठप्प हो गया है। एक ओर जहां व्यापार नहीं होने से व्यापारी परेशान हैं वहीं दूसरी ओर लॉकडाउन के कारण व्यापारियों ने एम्ब्रायडरी, चरक, डायमंड, स्टोन सहित कई वर्क के लिए साड़ी, ड्रेस मटीरियल्स तथा लहंगे आदि करो़ड़ो रुपए का माल जॉबवर्कर के पास फंस गए था। व्यापारी इससे चिंतित थे।
लॉकडाउन में स्लम क्षेत्रों में फँसे कपडों को लेकर चिंता
लॉकडाउन की लगातार बढने के कारण और परप्रांतिय श्रमिकों की घर वापसी से कपड़ा व्यापारियों को जॉबवर्कर्स व ट्रांसपोर्ट में फंसे माल की चिंता परेशान कर रही थी। साड़ी में डायमंड स्टोन आदि के लिए लिंबायत, वराछा, पांडेसरा की महिलाएं जॉबवर्क ले जाती थी, लेकिन इन दिनों वहाँ के लोग वतन जा रहे होने से व्यापारियों को को भय था कि उनका कपड़ा जॉबवर्क के लिए जिनके पास है वह कपड़े बेचकर भी जा सकते हैं।
संगठनों ने लगाई थी गुहार
इस बीच कपड़ा व्यापारियों के संगठन फैडरेशन ऑफ सूरत टैक्सटाइल ट्रेडर्स एसोसिएशन, व्यापार प्रगति संघ समेत अन्य ने जिला प्रशासन से जॉबवर्कर्स के यहां से तैयार व कच्चा माल लाने के लिए सशर्त गुहार लगाई गई, जिसे प्रशासन ने दो दिन के लिए कपड़ा बाजार के अलग-अलग टैक्सटाइल मार्केट में सीमित अवधि मंजूर की है ।
साढ़े तीन सौ से ज़्यादा व्यापारियों का माल मिला
बताया जा रहा है कि शुक्रवार को कपड़ा बाजार के साढे तीन सौ से ज्यादा व्यापारियों ने व्यापारिक संगठनों के लेटरहैड पर प्रशासन से माल वापसी के लिए लिखित मंजूरी ली और एक ही दिन में करोड़ों रुपए का माल सुरक्षित पहुंचा है।लग्नसरा सीजन के दौरान सैकड़ों-हजारों तैयार माल के पार्सल सूरत कपड़ा मंडी से देश की अन्य मंडियों में व्यापारियों के पास जाने के लिए ट्रांसपोर्ट के गोडाउन में फंस गया था।
व्यापारियों की मिली थोड़ी राहत
उल्लेखनीय है कि कपड़ा व्यापारी पहले से परेशान है छोटे और मध्यम वर्गीय व्यापारी पहले से परेशान है। लॉकडाउन के कारण उन्होने बेचे माल वापिस आने की आशंका है। उन्हें बेचे माल का पेमेन्ट कब मिलेगा इसे लेकर भी चिता है। ऐसे में व्यापारियों का फंसा माल वापिस मिल जाने से थोडी चिंता घटी है।