गोडाउन में पड़े व्यापारियों के करोड़ों रुपए के माल की सुरक्षा किस के भरोसे?

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सूरत

लॉकडाउन के दौरान कपडा मार्केट में 1 महीने से दुकानें बंद है । ऐसे में दुकान और गोडाउन में पड़े स्टॉक की चिंता व्यापारियों को परेशान कर रही है। बीते दिनों व्यापारियों ने लग्नसरा और त्योहारों को ध्यान में रखते हुए तैयार किए कपड़े कई दिनों से बंद दुकानों और गोडाउन में पड़े हैं ।उनकी सलामती के लिए व्यापारियों ने कलक्टर को ज्ञापन देकर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने की माँग की है ।

मिली जानकारी के अनुसार लॉकडाउन के दौरान बीते 1 महीने से सूरत कपड़ा बाज़ार बंद है यह यहाँ पर लगभग 180 कपड़ा मार्केट मार्केट हैं। इन दिनों लग्नसरा और रमज़ान की ख़रीद का मौसम होने के कारण व्यापारियों ने बड़े पैमाने पर कपड़ों का स्टॉक कर रखा है लेकिन मार्केट बंद होने के कारण उनकी सुरक्षा को लेकर व्यापारियों में चिंता का माहौल रहा है।

फेडरेशन ऑफ़ सूरत सूरत टैक्सटाइल ट्रेडर्स एसोसिएशन के महामंत्री चम्पालाल बोथरा ने बताया कि कपड़ा व्यापारियों ने सीजन देखते हुए तैयार किए लाखों रुपया का माल गोडाउन मे है ।ऐसे में स्वाभाविक है कि व्यापारियों को उनके माल की चिंता होगी ।हमने कलेक्टर पुलिस कमिश्नर और मनपा कमिश्नर को ज्ञापन देकर मार्केट क्षेत्र में सुरक्षा की संयुक्त तौर पर निगरानी की माँग की है।


उल्लेखनीय है कि ये कपड़ा मार्केट की दुकान है लंबे समय से बंद होने के कारण और गर्मी के दिनों में कई बार शोर्ट सर्किट आदि की घटनाएँ होती रहती है ।इन सब चीज़ों को लेकर व्यापारियों में चिंता का माहौल है ।एक तो लोग दाम के कारण पहले से व्यापार ठप्प है ऐसे में कोई अनिच्छनीय घटना नघटना बने इसलिए व्यापारियों चिंतित हैं।

कपड़ा व्यापारियों करोड़ों का नुक़सान! सरकार पर टिकी नज़र
लाखों लोगों को रोज़गार देने वाले और करोड़ों का टैक्स देने वाले व्यापारियों की नज़र अब सरकार पर टिकी है। कोरोना के कारण देश भर के कपड़ा व्यापारियों को करोड़ों का नुक़सान उठाना पड़ रहा है। सूरत की बात करें तो पॉलिस्टर कपड़ों के लिए दुनिया भर में प्रख्यात सूरत का कपड़ा बाज़ार पहले से ही जीएसटी और नोट बंदी की मार खाकर ढीला हो चुका था ।ऐसे में जब कुछ बात बनने लगी तो कोरोना ने पूरे व्यापार की कमर तोड़ दी ।

सूरत में कपड़ा व्यापारियों के लिए जनवरी से अप्रैल तक काफ़ी महत्वपूर्ण है ।इन दिनों में त्योहारों और लग्नसरा के कारण साडी और ड्रेस मटेरियल दोनों तक सेग्मेंट में तमाम राज्यों से अच्छा व्यापार होता है लेकिन जैसे ही व्यापार अपनी गति पकड़ रहा था वैसे ही कोरोना ने व्यापार की कमर तोड़ दी । भारत में 30 जनवरी को कोरोना का पहला केस दर्ज हुआ था। इसके बाद फ़रवरी के अंत तक तो देश के कई राज्यों में कोरोना ने असर दिखाना शुरू कर दिया था ।वहाँ के बाज़ार बंद होने लगे थे ,दुकानें बंद होने लगी थी वहाँ से ऑर्डर कैंसल होने शुरू हो गए थे ।मार्च में तो सूरत का भी व्यापार बंद हो गया है, जिन लोगों ने लगभग तरह के चलते करोड़ों रुपये के ऑर्डर दे रखे थे उन्होंने भी अपना ऑर्डर रद्द करा दिया ।ऐसे में सूरत के व्यापारी जिन्होंने अच्छी मात्रा में अच्छा व्यापार रहेगा यह सोचकर बड़े पैमाने पर ड्रेस और साडी के लिए स्टॉक तैयार कर रखे थे । वह नहीं बिकने के कारण स्टॉक हो गया है।