सूरत, मुंबई सहित देशभर के हीरा उद्यमियों के लिए खुशी का समाचार है। हीरा उद्यमियों ने विदेश में ग्रेडिंग के लिए भेजे करोड़ों रुपए के हीरे री- इंपोर्ट करने की समय सीमा समाप्त हो जाने से हीरा उद्यमियों को इंपोर्ट करने पर ड्यूटी चुकाना पड़ती, लेकिन जेम्स एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल की गुहार के बाद सरकार ने विरोधियों को राहत दी है।
मिली जानकारी के अनुसार भारत में से बड़े पैमाने पर पॉलिश्ड हीरे ग्रेडिंग के लिए विदेश में जाते हैं। जोकि 3 महीने के भीतर ही ग्रेडिंग के बाद पुन: आयात कर लिए जाते हैं। यदि इन्हें पुनः आयात करने में 3 महीने से अधिक समय बीत जाए तो कस्टम विभाग के नियम के अनुसार इन पर 7.5 प्रतिशत कस्टम ड्यूटी पड़ती है।
बीते दिनों कोरोना के कारण लॉकडाउन होने के कारण ग्रेडिंग के लिए गए करोड़ों रुपए के हीरे वापस नहीं आ पाए थे और उनकी समय सीमा भी बीत गई थी। ऐसे में जो हीरे अब भारत में आने वाले थे। उस पर हीरा उद्यमियों को साढे सात प्रतिशत इंपोर्ट ड्यूटी चुकानी पड़ती।बड़ी संख्या में हीरे भारत में अभी चुके हैं। लेकिन वह 3 महीने बीत जाने के बाद आने से हीरा उद्यमियों को उन्हें छुड़ाने के लिए ड्यूटी चुकानी पड़ रही है।
ऐसे में जेम्स एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल ने सरकार से गुहार लगाते हुए कहा कि भारत में और विदेश में लॉकडाउन होने के कारण हीरे आयात नहीं हो पाए हैं। ऐसे में 1 फरवरी से 31 जुलाई तक जिन हीरो को रिपोर्ट करने की तारीख समाप्त हो रही थी। उनके लिए 3 महीने का समय बढ़ा देना चाहिए।
जेम्स एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के वाइस चेयरमैन ने बताया कि लॉकडाउन के कारण विदेश में गए फस गए थे। उन्हें पुन: आयात करने का समय समाप्त हो रहा था। इसलिए हमने सरकार से 3 महीने बढ़ाने की मांग की थी जो कि सरकार ने मान लिया।
जीजेईपीसी के चेयरमैन कॉलिनशाह ने बताया कि केन्द्र सरकार के इस फ़ैसले के कारण हीरा उद्यमियों को बड़ी राहत होगी।