योगिनी एकादशी का हमारे धर्मशास्त्रों में बहुत महत्व माना गया है। मात्र मानसिक ही बल्कि शारीरिक ढंग से भी भी योगिनी एकादशी लाभकारी है।मान्यता के अनुसार योगिनी एकादशी के दिन व्रत करने से चर्मरोगों से मुक्ति मिलती है। जिन लोगों को शरीर में चमड़ी से जुड़ी किसी भी प्रकार की शिकायत हो वह इस व्रत के माध्यम से छुटकारा पा सकते है।
एकादशी का दिन भगवान की आराधना का दिन होता है इसलिए इस दिन इस दिन न तो क्रोध करना चाहिए और न ही झूठ बोलना चाहिए। सुबह जल्दी उठ जाना चाहिए और शाम के वक्त सोना भी नहीं चाहिए।
योगिनी एकादशी के दिन चावल खाने से मनुष्य रेंगने वाले जीव की योनि में जन्म लेता है इसलिए इस दिन भूलकर भी चावल का सेवन न करें। जो व्यक्ति व्रत नहीं रखते हैं उन्हें भी इस दिन चावल का सेवन नहीं करना चाहिए।
17 जून का पंचांग विवरण
आज का दिन विशेष : आज के दिन योगिनी एकादशी है। यह विशेष एकादशी कुष्ठ रोग निवारण हेतु प्रसिद्ध है।
विक्रम संवत -2076
शक संवत -1942
ईसवी सन -2020
अंग्रेजी दिनांक- 17
अंग्रेजी महीना -जून
सूर्य की गोलीय स्थिति उत्तरायण
पक्ष कृष्ण पक्ष
चंद्र पंचांग अनुसार मास आषाढ़
सौर पंचांग अनुसार मास जेष्ठ
तिथि मुंबई पंचांग अनुसार प्रातः 7:51 तक एकादशी तदुपरांत द्वादशी
तिथि काशी पंचांग अनुसार प्रातः 7:14 तक एकादशी तदुपरांत द्वादशी
वार बुधवार
योग अतिगं 14:24 तक तदुपरांत सुकर्मा
करण बालव करण 7.51 तक
नक्षत्र अश्विनी 6:04 प्रातः तक तदुपरांत भरणी।
तस्थानीय सूर्योदय 6-00-37
स्थानीय सूर्यास्त 19 – 17- 46
स्थानीय पंचांग अनुसार प्रातः 5:30 की ग्रह स्थिति
ग्रहों की गति
गुरु वक्री
शुक्र वक्री
शनि वक्री
राहु वक्री
केतु वक्री
प्लूटो वक्री
अन्य सभी ग्रह मार्गी
व्रत का समापन कब करें?
17 जून, 2020- योगिनी एकादशी
17 जून, 2020- योगिनी एकादशी का समापन: 4 बजकर 50 मिनट पर
व्रत का पारण: 18 जून 2020 को प्रात: 05.28 से 08.14 तक
पंडित- शरद मिश्र