सूरत
देश में कोरोना रोग की भयानकता को देखते हुए सरकार ने कई कदम उठाए है। ट्रेन में लोगो की संख्या अधिक होने के कारण संक्रमण की संभावना ज़्यादा रहती है।इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन की घोषणा से पहले, एहतियात के तौर पर रेलवे को बंद कर दिया गया था। लॉकडाउन के दौरान केवल गुड्स ट्रेनों को चलने दिया जा रहा था।
इस दौरान रेलवे ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण घोषणा की। 15 अप्रैल से, ऑनलाइन बुकिंग भी शुरू कर दी गई है। इससे पहले, पश्चिम रेलवे के मुंबई मंडल ने 22 अप्रैल से 25 मार्च तक जनता कर्फ्यू और लॉकडाउन अवधि के अलावा, 1 मार्च से 21 मार्च तक रिफंड का भुगतान किया था। 1 मार्च से 25 मार्च तक, मुंबई डिवीजन ने 97.49 करोड़ का रिफंड 15,99,968 पैसेंजर्स को दिया। जब दैनिक पास धारकों को 16 लाख का रिफंड दिया गया।
जनता कर्फ़्यू वाले दिन 22 मार्च को 40,669 यात्री रद्द करने के लिए 2,64,43,638 रुपये का भुगतान किया गया था। जिन यात्रियों ने अधिकांश ई-टिकट बुक किए हैं, उन्हें पहले ही अपने खाते में इस धनवापसी का भुगतान किया जा चुका है। हालाँकि रेलवे ने स्पष्ट किया है कि बुकिंग होना मतलब ट्रेन शुरू होना नहीं है। परिस्थिति ठीक रहने पर ही ट्रेन चलेगी।
उल्लेखनीय है कि रेलवे की ओर से 15 अप्रेल से बुकिंग शुरू की जा रही है। इससे यह संभावना भी नज़र आती है के सरकार की ओर से 14 अप्रेल के बाद लॉकडाउन की कोई और तैयारी नही है।