सूरत : महिधरपुरा और वराछा हीरा बाज़ार बंद, व्यापारियों ने किया विरोध

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सूरत में हीरा उद्योग में लगातार हीरा श्रमिकों में कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ते हुए देख प्रशासन ने महिधरपुरा और वराछा में हीराबाजार बंद करने का फैसला किया है।

सूरत महानगर पालिका ने घोषित किए क्ल्स्टर जोन में तमाम प्रकार की गतिविधियों पर रोक लगा दी है। इसमें वराछा मीनीबाजार और महिघरपुरा हीरा बाजार का भी समावेश होता है। यहां पर कोई गतिविधि ना हो सके इसके लिए पुलिस की ओर से भी पाबंदी लगा दी गई है।

आपको बता दें कि अनलॉक बंद के दौरान सरकार की ओर से आर्थिक गतिविधियों को तेज करने के लिए कपड़ा बाजार और हीरा बाजार को कई शर्तों के साथ खोलने की छूट दी गई थी। लेकिन इसके बाद हीरा बाजार में श्रमिकों को लगातार कोरोना की शिकायत आ रही थी। अब तक हीरा बाजार में 500 से अधिक हीरा श्रमिकों को कोरोना संक्रमण लग चुका है।

इनके कारण उनके घर में रहने वाले लोगों को भी कोरोना का भय है। इन सब चीजों को देखते हुए प्रशासन ने पहले से ही हीरा उद्योग को सावधानी रखने के लिए अपील की थी। इसके बावजूद हीरा उद्योग में काम करने वाले श्रमिक पूरी सावधानियां नहीं बरत रहे थे। इसके बावजूद वहाँ पर केस रोज-रोज बढ़ रहे थे। प्रशासन ने अब वराछा और महिधरपुरा क्षेत्र को क्लस्टर घोषित कर वराछा मिनी बाजार और बाजार को बंद रखने का निर्णय किया है।

दोनों हीराबाजार आज से बंद करा दिए गए हैं।कोरोनावायरस पॉजिटिव और उनके कांटेक्ट में आने वाले हिरा श्रमिकों को क्वारंटाइन कर दिया गया है। पालिका की ओर से अभी यह नहीं स्पष्ट किया गया है कि। यह बाजार कब से खुलेंगे हालांकि यह तो तय है कि जब तक यहां पर स्थिति सामान्य नहीं होगी तब तक अब प्रशासन हीरा उद्योग को खुलने की छूट नहीं देगा।

उल्लेखनीय है कि हीरा उद्योग में काम करने वाले श्रमिक बड़ी संख्या में अभी उत्तर गुजरात में है जो कि लॉकडाउन के दौरान अपने गांव गए थे और अभी तक नहीं लौट कर आए हैं कुछ श्रमिक जो आने वाले थे वह भी बंद की जानकारी पाने के बाद नहीं लौटेंगे।

महिधरपुरा डायमंड मर्चन्ट एसोसिएशन का विरोध
हीरा बाज़ार बंद करने से महिधरपुरा डायमंड मर्चन्ट एसोसिएशन ने मनपा के इस फ़ैसले का विरोध किया है। एसोसिएशन का कहना हि महिधरपुरा की अपेक्षा अन्य क्षेत्रों में कोरोना के मरीज़ों की संख्या ज़्यादा होने के बाद भी खुले है।

इतने दिनों के बाद जैसे तैसे हीरा उद्योग का काम शुरू होने से व्यापार की गाड़ी पटरी पर आ रही थी ऐसे में फ़िर से बंद हो जाने के कारण सब चौपट हो जाएगा। जहां पर लेबर वर्क है और श्रमिकों से कोरोना फैलने का भय है वहाँ तो ठीक है लेकिन जहां ऑफिस का काम हो रहा है। वहाँ क्यों बंद कराया जा रहा है।

हीरा उद्यमी सेनेटाइजर, मास्क और सोशल डिस्टैंस का पालन करते हैं। महिधरपुरा हीरा बाज़ार को कन्टेनमेंट ज़ोन से मुक्त करने की माँग की है।

गुजरात डायमंड वर्कर यूनियन के उपप्रमुख भावेश टाँक ने कहा कि उन्होंने सरकार से पहले ही हीरा श्रमिकों को एक माह का वेतन देकर छुटूटी देने की बात कहीं थी।यूनियन ने आरोप लगाया कि हीरा कंपनियों ने लॉकडाउन के दिनों का वेतन नहीं चुकाया। लाचारी से हीरा श्रमिकों को काम करना पड रहा है।

हीरा श्रमिकों को कोरोना से बचाना है तो सरकार को नई गाइडलाइन जारी करनी चाहिए।मनपा कमिश्नर, पुलिस कमिश्नर तथा कलक्टर के संकलन में एक टीम गठित करनी चाहिए ताकि वह सरकार के नियमों का सख़्ती से पालन करवा सके।