सूरत वीवर एसोसिएशन ने राज्य सरकार से बिजली के कीमत में प्रति यूनिट एक रुपए कम करने की मांग की है। सूरत वीवर्स एसोसिएशन ने इस बारे मे गुरूवार को कलक्टर को ज्ञापन दिया है। कलेक्टर को दिए ज्ञापन में बताया है कि लॉकडाउन के बाद अभी तक अन्य राज्यों में गए श्रमिक लौटकर नहीं आए हैं।
इसके चलते कई क्षेत्रों में सिर्फ एक ही शिफ्ट में काम चल रहा है। और कारखानों में आधी उत्पादन क्षमता से ही उत्पादन हो रहा है। ऐसे में वीवर्स को प्रति मीटर उत्पादन कीमत ₹2 ज्यादा चुकाना पड़ रहा है। उद्यमियों की हालत खराब है लेकिन, वह श्रमिक फिर से बताना चले जाएं। इसलिए कारखाना चालू रखे हैं।
राज्य सरकार से अनुरोध है कि वह बिजली में प्रति यूनिट ₹1 कम कर दे। साथ ही कहीं भी वर्ष ने मार्च-अप्रैल और मई का बिल देरी से भरा है। ऐसे में उद्यमियों से विलंबित फीस नहीं ली जाए। कपड़ा उद्यमी विजय मांगूकिया ने बताया कि बाजार खुल तो गए हैं लेकिन, अभी तक व्यापार अच्छे से नहीं शुरू हो सका है। इसलिए राज्य सरकार विवर की आर्थिक सहायता करें।
उल्लेखनीय है कि सूरत के कपड़ा उद्योग में काम करने वाले ज्यादातर श्रमिक यूपी-बिहार राजस्थान उड़ीसा आदि राज्यों से है जो कि लोग डाउन के कारण अपने गांव चले गए थे। इनमें से ज्यादातर श्रमिक अभी तक नहीं लौटे हैं लोक डाउन के बाद कारखाने खुल तो गए हैं लेकिन, उनमें सिर्फ 30 से 35% श्रमिक ही आ रहे हैं। ऐसे में लांच कारखानों में श्रमिकों की कमी के कारण उत्पादन पर भारी असर पड़ रहा है।
वीवर ने व्यापारियों से ऑनलाइन पेमेन्ट देने को कहा
कपड़ा बाज़ार में तेज़ी से फैले कोरोना को देखते हुए वीवर्स ने व्यापारियों से ऑनलाइन पेमेन्ट करनी माँग की है। इस बारे मे सचिन इन्डस्ट्रियल को.ओप सोसायटी के सेक्रेटरी मयूर गोलवाला ने फैडरेशन ऑफ सूरत टैक्सटाइल ट्रेडर्स एसोसिएशन के प्रमुख मनोज अग्रवाल को पत्र लिखा है।
मयूर गोलवाला ने लिखे पत्र में बताया है कि बीते दिनों बड़ी तेज़ी से कपड़ा उद्योग से जुड़े लोगों को कोरोना का संक्रमण लगा है। इसके कारण कपड़ा बाज़ार में कम लोग जाए तो अच्छा रहेगा। सामान्य तौर पर रोज हज़ारों वीवर्स अपने पेमेन्ट के लिए एक से अधिक मार्केट में पैमेन्ट के लिए जाते आते है। ऐसे मे संक्रमण का भय और बढ जाता है। इसलिए व्यापारी बकाया पेमेन्ट ऑनलाइन या इन्टरनेट बैंकिंग के माध्यम से करे।
उल्लेखनीय है कि सूरत के कपड़ा बाज़ार में बीते दिनों बड़ी संख्या में कोरोना के मरीज मिलने के कारण मनपा ने नई गाइडलाइन के साथ मार्केट खोलने की छूट दी है। हालाँकि कई कपड़ा मार्केट ने स्वैच्छिक बंद करने की घोषणा की है।
बीते दिनों एक दर्जन से ज़्यादा कपड़ा मार्केट ने बंद करने की घोषणा कर दी थी। इसके बाद कुछ व्यापारियों ने विरोध करने के बाद एक-दो मार्केट खुल गए है।बाज़ार में कोरोना का भय देखते हुए कई व्यापारी तो मार्कट चालू होने के बाद भी अपनी दुकान खोलने भी नहीं जा रहे। कपड़ा बाज़ार में वैसे भी इन दिनों व्यापार कम होने के कारण व्यापारी रिस्क नहीं लेना चाह रहे।
कपड़ा व्यापारियों का कहना है कि बाज़ार में बैठने पर कोरोना का रिस्क है और यदि थोड़ा भी नियम मे चूक हो जाती है तो मनपा कड़ा दंड वसूल करती है। इसलिए भी वह दुकान नहीं जाना चाह रहे।
कपड़ा व्यापारियों में दुकानें खोलें या नहीं इसे लेकर मतभेद चल रहा है। कुछ कपड़ा व्यापारी दुकान खोलने के पक्ष में है और कुछ दुकान बंद करने के पक्ष में है।यदि कपड़ा मार्केट मे एक बार फिर से लॉकडाउन लग जाता है तो वीवर्स का पैमेन्ट फँस सकता है।