जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में क्या छूट मिली व्यापारियों को

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कोरोना के कारण परेशान हो चुके व्यापारियों को वित्तमंत्री ने राहत दी है। काउंसिल की 40वीं बैठक में शुक्रवार को उधमियों के लिए अच्छे निर्णय लिए गए।  

वित्तमंत्री ने घोषणा की  कि जिन व्यापारियों ने जुलाई 2017  से जनवरी 20 तक जीएसटी रिटर्न फाइल नहीं कियायदि टैक्स के दायरे में है और  रिटर्न फाइल नहीं किया है तो उन पर अधिकतम  रुपए प्रति रिटर्न पर पांच सौ रुपए पैनल्टी है। जो कि पहले दस हजार रुपए थी। जो नील रिटर्न वालो के लिेए पैनल्टी माफ है। यह राहत जनवरी 2020 तक के लिए है। जुलाई 2020 से 30 सितंबर 2020 तक सभी रिटर्न पर भी यही प्रावधान होगा।


वित्त मंत्री सीतारमण ने बताया कि 5 करोड़ रुपये के कुल टर्नओवर वाले छोटे करदाता जो फरवरी, मार्च और अप्रैल 2020 के GST रिटर्न 6 जुलाई तक नहीं भरेंगे, उन्हें सितंबर तक सालाना 9 फीसदी ब्याज दर के साथ रिटर्न भरने की छूट होगी. पहले ब्याज दर 18 फीसदी तय थी. वहीं, ऐसे टैक्सपेयर्स को उस स्थिति में लेट फीस और ब्याज नहीं भरना होगा


जो इस वर्ष मई, जून और जुलाई के महीनों में सप्लाई प्रभावित होने के कारण सितंबर तक GSTR-3B भर देंगे. साथ ही यह भी बताया कि  जिन लोगों के रजिस्ट्रेशन 12 जून 2020 रद्द हो चुके हैं वह जरूरी कार्रवाई कर सितंबर तक अपने रजिस्ट्रेशन फिर से पा सकते हैं। 


उल्लेखनीय है कि हाल में ही जिन व्यापारियों का रिटर्न नील है उनके लिए मोबाइल से रिटर्न फाइल करने की सुविधा शुरू की गईहै। सीए सुशील काबरा ने बताया कि व्यापार हित में उठाया गया बेहतर कदम है।