ट्रेन चली तो थे 1600 रूकी तो हो गए 1692!!

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सूरत
सूरत से अन्य राज्यों के लिए जानेवाली श्रमिक स्पेशल ट्रेन में जाने वाले पैसेंजर की संख्या घटने बढ़ने का खेल रेलवे को समझ नहीं आ रहा। दो दिन पहले हरिद्वार पहुँचने वाली ट्रेन में लगभग 150 लोग कम पहुँचे इसके बाद बुधवार को जब बाँदा पहुँची तो 92 लोग बढ गए थे। प्रशासन ने यह यात्री कैसे बढ गए इनकी जाँच हुई है या नही इसकी पूछताछ शुरू की है।


सूरत से स्पेशल श्रमिक ट्रेन इस बार 1691 प्रवासियों को लेकर बांदा आई। सभी को शारीरिक दूरी के साथ ट्रेन से एक-एक कर नीचे उतारा गया। सभी प्रवासियों की स्टेशन के बाहर सूची तैयार की गई। सभी को टोकन देकर अलग-अलग बसों से तहसील क्षेत्रों के क्वारंटाइन केंद्रों में भेजा गया है।


मिली जानकारी के अनुसार लॉकडाउन के कारण व्यापार उधोग बंद हो जाने से कई राज्यों के श्रमिक दूसरे राज्यों में फँस गए है।सरकार की ओर से उन्हें अपने वतन से जाने के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेन की व्यवस्था की गई है। सूरत से बड़ी संख्या में अन्य राज्यों के लिए श्रमिक अपने वतन की ओर जा रहे है।बुधवार रात 2:38 मिनट पर 1691 प्रवासियों को लेकर प्लेटफार्म नंबर दो में पहुंची। प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों के निर्देश पर वहां पहले से प्रवासियों को नीचे उतारने की तैयारियां थीं।

इससे ट्रेन रुकते ही हर बोगी के गेट पर पुलिस कर्मी तैनात हो गए। एक-एक बोगी से प्रवासियों को प्लेटफार्म में उतारा गया। जहां सभी को दो-दो मीटर की दूरी में बने गोलों से रोकते हुए प्लेटफार्म के बाहर निकाला गया। जहां सूरत से भेजी गई करीब 16 सौ लोगों की सूची से सभी के नाम व पता का मिलान कराया गया। इसमें सूची के हिसाब से करीब 92 प्रवासी ज्यादा मिले।


अब प्रशासन यह ज़्यादा श्रमिक कैसे आ गए। इनकी जाँच की जा रही है। फ़िलहाल प्रशासन के सामने यह सवाल आ रहा है कि जब गिनकर कुल 1600 पैसेंजर बिठाए गए तो 92 ज़्यादा कैसे हो गए। बाँदा से रेलवे अधिकारियों ने सूरत के रेलवे अधिकारियों से संपर्क शुरू किया है।