लॉकडाउन के बाद रिंगरोड स्थित कपड़ा मार्केट में अभी तक 20 प्रतिशत दुकानें नही खुली है। अभी तक तो दुकानें नहीं खुलने के पीछे लोगों का डर और क्वारंटाइन की लाचारी को जिम्मेदार माना जा रहा था, लेकिन जैसे जैसे समय बीतता जा रहा है वैसे वैसे बंद दुकानों को लेकर व्यापारियों के मन में कई तरह के सवाल आ रहे है।
मिली जानकारी के अनुसार कपड़ा बाजार खुलने के लगभग तीन सप्ताह बीत चुका है। सभी मार्केट में धीरे-धीरे बड़ीं संख्या में दुकानें खुल गई है। हालाकि अभी श्रमिकों के अभाव में और अन्य राज्यों से ऑर्डर कम होने के कारण व्यापार रफ्तार नहीं पकड़ सका है। कपड़ा मार्केट में भी अभी कई लगभग 20 प्रतिशत दुकानें नहीं खुल सकी है। इसे लेकर व्यापारी, विवर, प्रोसेसर और एम्ब्राय़डरी संचालक चिंतित है।
हालाकि दुकानें नहीं खुलने के लिए व्यापारी कई कारण जिम्मेदार मान रहें हैं। जैसे कि अन्य राज्यों में गए व्यापारी अभी तक कोरोना के भय के कारणा कई व्यापारी नहीं लौट रहे (2) बड़ी संख्या में व्यापारी क्वारंटाइन होने के भय से नहीं आ रहे(3) कई व्यापारियों का मानना है कि दुकाने खुलते ही पेमेन्ट के लिए लोग परेशान करेंगे(4) जिनके पास पूंजी नहीं है और अब वह व्यापार ही नहीं करना चाह रहे।
इन तमाम परिस्थितियों के कारण कपड़ा मार्केट की कई दुकानें नहीं खुल सकी है। हालाकि विवर्स, प्रोसेसर और एम्ब्रायडरी संचालकों को भय है कि इस आर्थित संकट के समय में यदि दुकान नही खुली तो उनका पेमेन्ट फंस जाएगा
फोस्टा के रंगनाथ शारडा ने बताया कि अभी तक कपड़ा मार्केट में लगभग 20 प्रतिशत दुकानें नहीं खुली है। क्योंकि कई व्यापारी लौटे नहीं है। कुछ को लगता है कि अभी श्रमिकों की कमी है और व्यापार भी नहीं चल रहा। इसलिए वह नहीं आ रहे। साथ ही कइयों को लग रहा है कि दुकान खोलते ही सब पेमेन्ट की मांग करेंगे। फिलहाल यही नजर आ रहा है। पर जल्दी ही दुकानें खुलने और परिस्थिति साफ होने की उम्मीद है।
फोस्टा के प्रमुख मनोज अग्रवाल ने बताया कि कपडा बाजार में दुकानें खुल रही है। अंदाजन 15 से 20 प्रतिशत दुकाने बंद है। कई व्यापारी अभी लौट नही सके हैं। कुछ लोगों को क्वारन्टाइन का डर होने से वह अपने गांव से नहीं आ रहे हैं। श्रमिकों की कमी के कारण भी व्यापारी दुकानें जल्दी बंद कर देतें है। उम्मीद है कि जल्दी ही अन्य दुकानें खुल जाएगी।