सूरत नगर निगम ने कोरोना टीकाकरण के लिए सर्वेक्षण शुरू कर दिया है लेकिन सर्वेयरों को लोगों के कुछ सवालों के कारण कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। कई चीजों में सरकार की दिशानिर्देश स्पष्ट नहीं है।
टीकाकरण के लिए आपको आधार कार्ड जैसे प्रमाण की आवश्यकता क्यों है? ऐसे सवालों के जवाब नहीं पाने वाले लोग जानकारी देने से इनकार कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि वोलेन्टियर, होस्पिटल के स्टाफ, बुजुर्ग तथा मरीजों को पहले टीका दिया जाएगा।
सरकार को उम्मीद है कि कोरोना का वैक्सिन जल्दी आ जाएगा। ऐसे में टीका आने से पहले सूरत में किन लोगों को वैक्सिन पहले दिया जाएगा इसके लेकर प्रशासनिक तैयारियां जोरों पर हैं। सर्वेक्षण यह तय करने के अंतिम चरण में है कि पहले किसे टीका लगाया जाना चाहिए।
कोविड के टीकाकरण को तेज करने के लिए मनपा ने हाउसिंग सोसाइटी के अध्यक्षों की मदद की अपील की है। अध्यक्षों की मदद से, समाज में रहने वाले लोगों की जानकारी एकत्र की जा रही है। हालांकि, सर्वेक्षक लोगों के सवालों का संतोषजनक जवाब नहीं दे सके।
सूरत में लोग टीकाकरण के बारे में संदेह के कारण जानकारी देने में संकोच कर रहे हैं। वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स क्या हैं? आपको आधार कार्ड जैसे प्रमाण की आवश्यकता क्यों है? लोग ऐसे सवाल पूछ रहे हैं। लेकिन सरकार ने इस संबंध में कोई स्पष्ट नीति की घोषणा नहीं की है। इसलिए लोगों की शंकाओं का समाधान नहीं किया जा सकता है।
इसलिए लोग सर्वेक्षण करने के लिए आने वाली टीम को जानकारी देने से इनकार कर रहे हैं। सिस्टम ऐसे लोगों से जानकारी प्राप्त करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन टीके के लिए पूरी स्पष्टता की घोषणा के बाद ही लोगों का पूर्ण सहयोग मिल पाएगा, नहीं तो सर्वे के लिए गई टीम को लोगों के सवालों के कारण परेशान होना पड़ेगा।