सूरत
यदि मन में सेवा भाव हो तो किसी भी तरह से आप लोगों की सेवा कर सकते हैं। कोरोना की महामारी के समय में सूरत के नारी संरक्षण गृह की महिलाओं ने इसका अनूठा उदाहरण दिया है।
कोरोना की इस महामारी के समय मे देश का हर नागरिक अपनी ओर से कम या ज़्यादा सहयोग कर रहा है। धनकुबेरों ने जहां अपनी रूपए की गठरी खोली है वहीं सामाजिक संस्थाएँ भी पीछे नहीं है। ऐसे में नारी संरक्षण गृह में आश्रित बहेनो ने भी अपनी ओर से मास्क बनाकर नि:शुल्क बाँटकर इस सेवायज्ञ में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
घोडदोड रोड स्थित नारी संरक्षण गृह की सुप्रिन्टेन्डेन्ट पारुल बेन ने बताया कि बीते दिनों में लॉकडाउन के दौरान उनके यहाँ एक महिला को डिलीवरी के लिए सिविल अस्पताल ले जाना था। उस दौरान मास्क नहीं होने के कारण उन्हें परेशान होना पड़ा। बाहर से ज़्यादा क़ीमत देकर ख़रीदना पड़ा।
इस दौरान उन्हें बहुत बुरा लगा था। तभी उन्होंने मास्क तैयार करने का फ़ैसला कर दिया था। वहाँ से लौटने के पश्चात उन्होने तैयारी शुरू कर दी थी। यूट्यूब पर वीडियो देखकर उन्होंने पहले वहाँ की कुछ महिलाओं को मास्क बनाना सिखाया। उसके बाद सादा मास्क बनाना शुरू किया। बाद में ज़रूरत को देखते हुए रबर पट्टी वाले मास्क बनाना शुरू कर दिया। फ़िलहाल ढाई सौ मास्क बनाकर सामाजिक संस्थाओं को निःशुल्क बाँट रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि सूरत में इन दिनों कई सामाजिक संस्थाएं ज़रूरतमंद लोगों को निःशुल्क भोजन दे रही है और राशन किट बाँट रही हैं, साथ ही उनकी आवश्यक तमाम ज़रूरतों का ख्याल रख रही है। सूरत में इन दिनों लॉकडाउन के कारण हज़ारों लोग बेरोज़गार हो गए हैं।ऐसे में उनके पास सिर्फ़ सामाजिक संस्थाओं का ही सहारा है।
आगामी 14 अप्रैल तक सूरत के लाखों श्रमिकों के पास काम नहीं होगा तब तक के लिए उन्हें बाहर से मिलने वाले भोजन पर ही लिखना पड़ेगा हालाँकि सूरत की सामाजिक संस्थाएं इसके लिए तैयार हैं