कतारगाम इलाके में पिछले शनिवार को बीआरटीएस बस ड्राइवर की लापरवाही से एक मासूम की मौत हो गई। इस घटना के बाद सिटीबस और बीआरटीएस बस प्रबंधन की लचर नीतियां सामने आई हैं। मनपा शासकों ने अब हालात पर काबू पाने की कोशिशें शुरू कर दी हैं।सत्ताधारियों और प्रशासन के साथ बस प्रबंधन से जुड़ी एजेंसियों की बैठक में कुछ अहम फैसले लिए गए हैं।दुर्घटना जैसी घटनाओं में अब ड्राइवर सहित संबंधित एजेंसी के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा।इसके साथ ही कतारगाम घटना में ज़िम्मेदार एजेंसी को ब्लैकलिस्ट करने का पर विचार किया जा रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार लोगों की सुविधा के लिए शुरू की गई सिटी बसों और बीआरटीएस बसों से हुए हादसों में अब तक 90 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। नए नियमों के अनुसार शराब पीकर गाड़ी चलाने वाले ड्राइवरों और नगर निगम के निर्देशों का बार-बार उल्लंघन करने वाली एजेंसियों के खिलाफ कदम उठाया जाएगा।
नई नीति के अनुसार ड्राइवरों और कंडक्टरों की योग्यता दोबारा निर्धारित की जाएगी।विजिलेंस टीम रोजाना ड्राइवरों और कंडक्टरों की जांच करेगी और नशे की हालत में पकड़े जाने पर उनके खिलाफ शिकायत दर्ज की जाएगी। चोरी, टिकट न देने, मारपीट जैसे मामलों में ड्राइवर, कंडक्टर और एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।कर्मचारियों को कम वेतन देने वाली एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी।चालक और परिचालक को सात दिन के भीतर स्मीमेर अस्पताल द्वारा जारी फिटनेस प्रमाण पत्र दिखाना होगा। स्थानीय पुलिस स्टेशन से चरित्र प्रमाण पत्र सात दिनों के भीतर जमा करना होगा। जिन बसों में डिजिटल बोर्ड नहीं है उनका तत्काल संचालन कराया जाए। अगर कोई यात्री बिना टिकट पकड़ा गया तो कंडक्टर समेत एजेंसी के खिलाफ वित्तीय गबन की शिकायत दर्ज कर स्थायी तौर पर नौकरी से बर्खास्त कर दिया जाएगा।
चार सड़कों और चौराहों पर गति सीमा 0 रखी जाएगी.यात्रियों को बस स्टॉप के अलावा किसी अन्य स्थान पर नहीं उतारा जाएगा। भविष्य में किसी घटना की स्थिति में केस टू केस सहायता का भुगतान कंपनी के बिल से किया जाएगा।
हेडिंग- बीते छ साल मे 120 ड्राइवर किए गए टर्मिनेट
सूरत महानगर पालिका की ओर से शहरी जनों की सुविधा के लिए और यातायात व्यवस्था को बनाए रखने के लिए सिटी बस और BRTS की सेवा शुरू की गई है लेकिन इसमें ड्राइवर और कंडक्टर की लापरवाही के चलते जानलेवा साबित हो रही है। बीते 4 साल में BRTS बस की चपेट मे 19 लोगों की जान जा चुकी है।सिटी बस और BRTS दोनों की बात करें तो लगभग 90 के क़रीब लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा है। सूरत महानगर पालिका की ओर से BRTS बस के ड्राइवर और कंडक्टर को बार बार ट्रेनिंग और सेमिनार के माध्यम से लोगों से अच्छा बर्ताव करने बस दे में चलाने तथा यात्रियों से झगड़ा न करने आदि की का प्रशिक्षण दिया जाता है लेकिन अभी तक इसका कोई विशेष नतीजा निकलकर नहीं याद आ रहा है।
वर्ष 2017 से सिटी और BRTS में काम करने वाले 120 ड्राइवर को टर्मिनेट किया जा चुका है।यात्रियों की ओर से मिली सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए महानगर पालिका ने इन्हें निकाल दिया है। बताया जा रहा है कि सूरत महानगर पालिका की ओर से बार बार ड्राइवर्स को बस धीमे चलाने की सलाह दी जाती है लेकिन यह सलाह फिर कुछ समय तक ही ड्राइवर्स के पल्ले पड़ती है और बाद में वह फिर से अपने मनमाने ढंग से ड्राइविंग शुरू कर देते हैं जिसका खामियाजा सामान्य लोगों को भुगतना पड़ रहा है।