कपडा बाजार में कोरोना के बढते मरीजो की संख्या के कारण समीक्षा के लिए सांसद सीआर पाटिल के साथ व्यापारियों की मीटिंग मिली। दिनभर ऐसा लग रहा था कि कुछ शर्तो के साथ मार्केट खुलने दी जाएगी, लेकिन रात को ऐसी जानकारी सामने आई कि इस बारे में राज्य सरकार ही फैसला लेगी।
मिली जानकारी के अनुसार शहर में जिस तरह से कोरोना के केस तेजी से बढ रहे हैं। इसे देखते हुए प्रशासन चिंतित है। शहर की रीढ की हड्डी के समान कपडा उद्योग और हीरा उद्योग में बड़ी संख्या में कोरोना के केस मिलने के बाद इन्हें चालु रखा जाए या नहीं इस लेकर सरकार दुविधा में हैं। हालाकि हीरा उद्योग को तो पहले ही बंद कराया जा चुका है।
कपड़ा उद्योग के बारे में चर्चा विचारणा के लिए रविवार को सांसद सीआर पाटिल के साथ फैडरेशन ऑफ सूरत टैक्सटाइल ट्रेडर्स एसोसिसएशन के प्रमुख मनोज अग्रवाल, साउथ गुजरात टैक्सटाइल ट्रेडर्स एसोसिएशन के प्रमुख सावरप्रसाद बुधिया तथा व्यापार प्रगति संघ के स्थापक संजय जगनानी उपस्थित रहे।
व्यापारियों का कहना था कि कपड़ा मार्केट अभी पूर्ण तौर से खुला भी नहीं है और कपडा बाजार के कारण कोरोना का संक्रमण नहीं फैल रहा है। इस बैठक में सांसद ने व्यापारियों की बातें सुनी। इस बैठक के बारे में फोस्टा के प्रमुख मनोज अग्रवाल ने बताया कि कई शर्तो के साथ मार्केट खुली रख सकते हैं। ऐसा कहा गया है।
इसके बाद शाम को फिर से सांसद और राज्य के उच्च अधिकारियों की मीटिग हुई। मीटिंग में तय किया गया कि कई शर्तो के साथ कपडा बाजार खुला रहने दिया जाए। जिन मार्केट में तीन या तीन से अधिक मरीज कोरोना के मिलेंगे वह बंद करा दिए जाएंगे। इसके बाद फिर से देर रात यह फैसला आया कि अधिकारियो से सारी बात जान लेने के बाद और समीक्षा के बाद मार्केट बंद या चालू रखने का फैसला राज्य सरकार ही करेगी।
उल्लेखनीय है कि दिन भर चले इस घटनाक्रम के कारण व्यापारी असमंजस में हैं।
फैडरेशन ऑफ सूरत टैक्सटाइल ट्रेडर्स एसोसिएशन के प्रमुख मनोज अग्रवाल ने बताया कि उन्हें इस बारे में कोई सूचना नहीं दी गई है।